केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे एक 75 वर्षीय किसान ने शनिवार सुबह गाजीपुर में उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर कथित तौर पर फांसी लगाकर जान दे दी।
पुलिस ने कहा कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर के मूल निवासी सरदार कश्मीर सिंह ने रस्सी का इस्तेमाल करते हुए मोबाइल शौचालय में फांसी लगा ली।
इंदिरापुरम के पुलिस उपाधीक्षक अंशु जैन ने पीटीआई को बताया कि गुरुमुखी में लिखा एक आत्महत्या नोट मिला है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के एक नेता के मुताबिक सिंह ने आत्महत्या नोट में लिखा है कि सरकार को इन कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए क्योंकि ये किसानों के हितों के खिलाफ हैं।
बीकेयू और कई अन्य किसान यूनियन पिछले एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के विभिन्न सीमावर्ती बिंदुओं पर कानूनों के विरोध का नेतृत्व कर रही हैं।
पुलिस अधिकारी जैन ने कहा कि उनका शव उनके पोते को सौंप दिया गया।
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कश्मीर सिंह की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने मांग की कि सरकार शुक्रवार को विरोध स्थल पर दिल का दौरा पड़ने से मारे गए किसान और कश्मीर सिंह के परिवारों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करे। टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रही है। उन्होंने दावा किया कि अब तक देश में विरोध प्रदर्शन के दौरान 47 किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी है ।