दिलीप कुमार (Dilip Kumar ) : बॉलीवुड ने दर्शकों को ऐसे कई अच्छे कलाकार दिए हैं; जिनके अभिनय के वजह से उनके कई फैन्स है। हालाकि आज के समय ऐसे कई महान कलाकार हमारे साथ इस दुनिया में मौजूद नहीं है, परंतु उनकी फिल्में, गाने अभी भी टीवी पर प्रसारित किए जाते है। और फैन्स के दिल में वह अभी भी मौजूद है। आज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar ) इनका दुःखद निधन हुआ। उन्होंने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को बहुत कुछ। उनका भारतीय सिनेमापर का प्यार अमर रहा। आज इस लेख द्वारा हम आपको उनके सिनेमा के सुहाने सफर के बारे में बताएंगे।
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान
( Mohammad Yusuf Khan ) है। पर उन्हें ज्यादातर दिलीप कुमार इसी नाम से सभी जानते है। उनका जन्म पेशावर
( Peshawar ) में हुआ था, जबकि यह जगह अब पाकिस्तान में है। उनके पिता मुंबई में आ बसे थे, जहां उन्होंने हिन्दी फिल्मों में काम करना शुरू किया। उनका नाम में बदलाव करने का कारण या है; की दिलीप कुमार इस नाम से उन्हें ज्यादा पहचान और सफलता मिले।
दिलीप कुमार इनके वैवाहिक जीवन की बात करे तो उनकी शादी 1966 में अभिनेत्री सारा बानो ( Sara Bano ) से हुई। तब दिलीप कुमार लगभग 44 वर्ष और सायरा बानो 22 वर्ष की थी। उसके बाद उन्होंने 1980 में कुछ समय के लिए आसमां ( Aasma ) से दूसरी शादी भी की थी।
दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार इनकी करियर की बात करे तो उन्होंने कम समय में ही भारतीय हिन्दी फिल्मों द्वारा अपना नाम रोशन किया था। उनकी पहली फिल्म ‘ ज्वार भाटा ‘( Jwar Bhata ) थी, जो 1944 में आई। उन्हें सफलता 1949 में बनी ‘ अंदाज ( Andaj )’ फिल्म से मिली। जहां से उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हुई। ‘ दीदार ( Didar )’ और ‘ देवदास ‘( Devdas ) फिल्मों में दुखद भूमिकाओं से मशहूर होने के कारण उन्हें ‘ ट्रेजिडी किंग ‘ ( Trejidi King ) कहा गया। साथ ही साथ ‘ मुगले – ए – आजम ( Mugle – A – Azam ) ‘ में उन्होंने मुगल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई। उन्होंने ‘ गंगा जमुना ‘ ( Ganga Jamuna ) फिल्म का निर्माण भी किया। जिसमे उनके छोटे भाई नासिर खान ( Nasir Khan ) ने काम किया।
दिलीप कुमार ने 1970, 1980 और 1990 दशक में कुछ कम फिल्मों में काम किया। उस समय उनकी प्रमुख फिल्में ‘ ‘विधाता ‘ ( Vidhata ), दुनिया ( Duniya ), कर्मा ( Karma ), इज्जतदार ( Izzatdar ) और सौदागर ( Saudagar ) थी। 1998 में बनी फिल्म किला ( Kila ) यह उनकी आखरी फिल्म थी। उन्हें कई फिल्मों के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार भी प्रदान किया। साथ ही साथ वे आज भी प्रमुख अभिनेताओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। दिलीप कुमार उत्तम अभिनेता थे ही; परंतु साथ ही साथ वह भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य रह चूके है। उन्हें आज के समय भी ‘ ट्रेजीडी किंग ‘ नाम से जानते है। दिलीप कुमार उन्हें अपने अभिनय के वजह से भारतीय फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आज दिनाँक 7 जुलाई 2021 को दिलीप कुमार जी का दुःखद निधन हुआ। उनके जाने से हिन्दी सिनेमा के एक युग का अंत हुआ। दिलीप कुमार लंबे समय से बीमार थे। उनकी यह दुखद घटना से उनके सभी फैन्स भी नाराजगी दर्शाई है।