सवाई माधोपुर के निकट ऐतिहासिक दुर्ग रणथंभौर के चारों ओर फैला रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान (Ranthambore National Park) भारतीय बाघ (टाइगर) का अपना घर है।
यह स्थान रेल तथा सड़क मार्ग दोनों से जुड़ा हुआ है। जयपुर रेल मार्ग द्वारा 132 किलोमीटर तथा सड़क मार्ग से 185 किलोमीटर,मुंबई से रेल मार्ग द्वारा 1087 किलोमीटर तथा दिल्ली से 360 किलोमीटर दूरी पर रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा जयपुर (सांगानेर) है।
स्वतंत्रता से पूर्व रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान जयपुर रियासत का प्रसिद्ध शिकारगाह था। रणथंभौर को भारत सरकार द्वारा सवाई माधोपुर खेल अभ्यारण के रूप में 1955 में स्थापित किया गया था। 1973 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। 1 नवंबर 1980 को रणथंभौर एक राष्ट्रीय उद्यान बन गया।
यहां वन प्रदेश उत्तर से पश्चिम तक बनास नदी और दक्षिण चंबल नदी द्वारा घिरा लगभग 392 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पहला क्षेत्र (Core Area) 284 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है, जिसमें किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप निषेध है, इसे “कौर क्षेत्र” कहते हैं। इसी की परिधि से संबंध दूसरा वन क्षेत्र समीपवर्ती क्षेत्र है जो कि 108 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
विशेषता
भारतीय बाघ को देखने के लिए रणथंभौर उद्यान का जंगल सर्वश्रेष्ठ स्थान है। बाघ की नस्ल को बचाने के लिए चलाई जा रही बाघ परियोजना के अधीन आज यह राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवों के लिए देश का उत्तम पर्यटक क्षेत्र है। जहां दिन में ही बाघ-बघेरे और भालू को विचरण करते हुए देखा जा सकता है। चीतल के झुंड, सांभर के झुंड, नीलगाय एवं सैकड़ों कलरव करते पक्षियों को झीलों के किनारे देखने पर पर्यटक का मन यहां से वापस जाने का नहीं होता है।
यहां पर स्थित पदमला तालाब, राजबाग, मिलक तालाब, लाहपुर, मानसरोवर जिलों के किनारे शीतकाल में मगरमच्छ धूप स्नान करते हैं जो कि यहां का दूसरा विशेष आकर्षण का केंद्र है। रणथंभौर अभ्यारण क्षेत्र में बरगद के विशाल वृक्षों की बहुलता यहां कि अपनी ही एक विशेषता है।
यहां स्थित ‘जोगी महल’ ने प्रधान मंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी इंदिरा गांधी एवं अन्य गणमान्य मेहमानों की आवभगत की है तथा उसी के बाहर पर्यटकों ने अलाव जलाकर रात्रि गुजारी है।
Ranthambore National Park में कमलधार, नर्मदेश्वर महादेव, रणथंबोर दुर्ग, झूमर बावड़ी, प्रसिद्ध त्रिनेत्र गणेश मंदिर आदि यहां के मुख्य आकर्षण है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में सन् 1997 में बाघों की संख्या मात्र 45 थी जो आज बढ़कर 62 हो गई है आपको यह बता दें कि रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान में अधिकतम 50 बाघ की रह सकते हैं।
भ्रमण समय
शीत ऋतु इस राष्ट्रीय उद्यान के भ्रमण का उचित समय है। ग्रीष्म ऋतु में भी मानसून आने से पूर्व तक वन प्रदेशों के जलाशयों के पास बहुत से वन्य प्राणी देखे जा सकते हैं।
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